मस्सा हटाने की दवा
इसे जाता है। बहुधा इनकी उत्पत्ति हाथों की अंगुलियों, कुहनी, घुटनों, चेहरे पर होती है। अधिसंख्यक वार्ट्स बिनाइन होते हैं। लेकिन जिन लोगों में रोगों से लड़ने की क्षमता कम होती है, उनमें भी इनके कैंसर-युक्त होने की सम्भावनाएं बढ़ जाती हैं। आयुर्वेद में इन्हें चर्मकील भी कहा गया है। यह रोग त्वचा में रहने वाली वायु के विकृत होने पर होता है।
उपचार
स्वर्णवंग-1 ग्राम
शुद्ध गंधक-10 गाम प्रवाल पिष्टी 10 गाम गिलोय सत्व-20 ग्राम
इन सब औषधियों को एक साथ मिलाकर साठ पुड़िया बनालें तथा एक एक पुड़िया सवेरे सायं शहद के साथ खाली पेट सेवन करें। सायंकाल औषधि सेवन करने के आधा घंटा पहले एवं आधे घंटे बाद तक कुछ भी न खाएं।
आरोग्यवर्धनी वटी दो दो गोली सवेरे सायं भोजन के बाद मेदोहर गूगल दो दो गोली सवेरे सायं, भोजन के बाद पंचतिक्तघृत गूगल दो दो गोली सवेरे सायं भोजन के बाद त्रिफला चूर्ण-एक एक ग्राम की मात्रा मे पानी के साथ सवेरे एवं रात को। थोड़ी सी पिसी हुई हल्दी, थोड़ा-सा दशांग लेप तथा थोड़ा सा पंचगुण तेल मिलाकर लेप तैयार करें। इसे वार्ट्स पर लगाएं तथा दो दो गोलियां कैशोर गूगल दिन में तीन बार पानी के साथ सेवन करते रहें।
मस्सों पर लगाने हेतु दवा
सज्जीखार-10 ग्राम
चूना (बिन बुझा)-10 ग्राम सोड़ा (वाशिंग) 10 ग्राम हलदी- 2 ग्राम
इन सबको बारीक पीसकर थोड़ा-सा पानी मिलाकर पेस्ट जैसा बनालें। माचिस की तीली पर रुई लगाकर फुरैरी से मस्से या कॉर्न्स पर लगाएं। नियमित रूप से लगाने से लाभ हो जाता है।
(2) ऐलोवेरा जैल को वार्ट्स पर लगाने से भी लाभ मिलता है। (3) वार्ट्स पर लहसुन की एक कली को धीमे-धीमे मसलने से भी ये विलुप्त होने लगते हैं।