Tuesday, March 8, 2022

स्वस्थ रहें जीवन भर

 1. सुबह उठते ही एक लीटर पानी पी लें .

 पानी बासी मुंह ही पीएं , बिना कुल्ला किये . सुबह की वह लार आपके पेट में जाकर पूरा पेट साफ कर देगी . जिस व्यक्ति का सुबह सुबह पेट साफ हो गया, उसके जीवन में कभी जल्दी से बीमारी नही आती .

सुबह की लार औषधि का काम करती हैं . इसे आज के वैज्ञानिकों ने अपनी भाषा मेंपानी चिकित्सा (वॉटर थेरेपी) नाम दे दिया हैं .

 ध्यान देने योग्य बातें स्वस्थ रहें  जीवन भर

  एक लीटर का मतलब दो लोटा . अगर  इतना नही पी सकते तो शुरुआत में एक लोटा (दो गिलास) पानी पीने की आदत डालें .

 1- सुबह उठते ही अगर जोर से पेशाब आयी हुई हो , तो पहले मूत्र त्याग लें . उसके बाद आराम से शांत चित्त के साथ नीचे बैठकर पानी पियें .

2- हर बार पानी पीने के साथ पानी को मुंह में हिलाये , ताकी मुंह की लार (थूक) पूरा पेट में जा सके .

3- भोजन करने के डेढ़ घण्टे बाद पानी पियें .

खाना खाने के बाद हमारे पेट में जठराग्नि (आग) जलती है , वह आग उस भोजन को पचाती है . जब आप खाना खाते ही तुरंत बाद पानी पीते हो तो वह आग बूझ जाती हैं, और फिर वह भोजन पेट में सड़ता हैं . और फिर बहुत सारी बीमारियां होती हैं .

4- भोजन करने के पाँच या दस मिनट बाद पानी पीना शुरू करें , फिर कुछ दिनों बाद भोजन के आधा घंटे बाद पानी पीने की आदत को ले जायें और फिर धीरे धीरे एक घंटा से डेढ़ घंटे तक इस अंतराल को ले जायें .

5- यह सबसे महत्वपूर्ण बात है , जो मैंने अपने अनुभव से सीखी है . भोजन करने के बाद एक बार एक  दो गिलास पानी से अच्छे से कुल्ला अवश्य कर लें इससे आपको पानी पीने का मन नही करेगा .

6- या फिर थोड़ा काला देशी गुड़ खा लीजिए , जिससे सब्जी का तीखापन खत्म हो जाएगा . फलों का ज्यूस भी पी सकते हैं .

7. हमेशा घूंट-घूंट पानी पियें .स्वस्थ रहें जीवन भर

आप जो खड़े -खड़े गटागट पानी पीते हो , एक ही बार में पूरा लोटा पेट में खाली कर देते हो ये तरीका बिल्कुल सही नही हैं . घूंट घूंट पानी पीने से आपको कभी भी मोटापा नहीं आयेगा . आप हमेशा स्लिम फिट रहोगे .

 यह नियम आपको तीस से ज्यादा बीमारियों से बचायेगा . पूरे दिन में जितनी बार पानी पियो , थोड़ा-थोड़ा , घूँट घूँट मुंह में अच्छे से हिलाकर पिओ .

 इस बात का ध्यान रखें , जितनी बार पानी पिओ, आपकी मुँह की लार शरीर के अंदर जानी चाहिए . यह लार (थूक) बहुत कीमती है इसमे 18 प्रकार के सूक्ष्म पोषक तत्व मौजूद रहते हैं .

 8-जीवन में कितनी भी जोर से प्यास क्यों लगे ठंडा पानी कभी पियेंस्वस्थ रहें जीवन भर

 फ्रीज का पानी कभी भी पियें . अगर आप पाँच- दस साल लगातार ठंडा पानी पीते हो तो, आपको लकवा ( पैरालिसिस) , दिल का दौरा ( हार्ट- अटैक) शत प्रतिशत आयेगा .

इस नियम को विज्ञान की भाषा में समझाता हूँ . हमारा शरीर हैं गर्म , औऱ जब हम ठंडा पानी पीते हैं , तो शरीर का सारा खून उस ठंडे पानी को गर्म करने में लग जाता हैं . और इस तरह आप लगातार ठंडा पानी पीते जाओगे , तो एक दिन आपके किसी भी अंग में  खून (ब्लड) की कमी हो जायेगी और वो अंग आपका काम करना बंद कर देगा . इसी को लकवा कहते हैं .

हाँ , घर के मिट्टी के बर्तन (मटके) का ठंडा पानी पी सकते हो , वह प्राकृतिक ठंडा जल हैं .

बाजार में मिलने वाली पानी की बोतलों का पानी भी कभी पियें .

या फिर घर से मिट्टी की बोतल या स्टील की बोतल में पानी भरकर लेकर जायें , खाली होने पर कही प्याऊ से भर लें .

 आयुर्वेद के अनुसार खान-पान

 1- भोजन हमेशा चबा चबा कर खाएं . रोटी के एक ग्रास (टुकड़े) को मुँह में पूरा रस बनाएं , इस नियम का पालन करने से बहुत सारे अद्भुत लाभ मिलेंगे .

2- गाय का दूध अमृत है . हर दिन शाम को गाय का दूध पीये . गाय का मतलब मैं भारतीय देशी गाय (गौमाता) के दूध की बात कर रहा हूँ .

3-  प्यास भूख को मत रोकियेस्वस्थ रहें जीवन भर

4-  शाम को बिना तकिये सोने से हृदय और मस्तिष्क मजबूत होता हैं .

5- रात्रि को बाँयी करवट सोने से दांयाँ स्वंर चलता हैं, जो भोजन पचाने में सहायक हैं .

6- शक्कर और नमक का विकल्प - सेंधा नमक और देशी शक्कर बूरा (खांड) देशी काला/भूरा गुड !!!

7- मिट्टी के बर्तन में बनी कोई भी चीज खाने से कई प्रकार के रोग खत्म होते हैं . आपको जानकर हैरानी होगी, घर में उपयोग होने वाले सभी मिट्टी के बर्तन आपके गांव शहर के बाजारों में , कुम्हारों के पास और ऑनलाइन उपलब्ध हैं . हमारे पूर्वज सभी मिट्टी के बर्तन/हांडी में ही सबकुछ पकाकर खाते थे .

8-  भोजन करने से 40 मिनट पहले पानी पी सकते हो .

9- भोजन करने से पहले , बीच में , बाद में पीया पानी आरोग्य की दृष्टि से सही नही है . इस नियम का पालन करने से 50 से 100 बीमारियों से आप हमेशा के लिए बचे रहेंगे

किन चीजों के साथ क्या नहीं खाना चाहिए ?...

  दूध के साथदही , नमक , मूली , मूली के पत्ते , अन्य कच्चे सलाद , सहिजन , इमली , खरबूजा , बेलफल , नारियल , नींबू , करौंदा ,जामुन , अनार , आँवला , गुड़ , तिलकुट ,उड़द , सत्तू , तेल तथा अन्य प्रकार के खट्टे फल या खटाई , मछली आदि चीजें ना खाएं .

 दही के साथखीर , दूध , पनीर , गर्म पदार्थ , गर्म भोजन , खीरा , खरबूजा आदि ना खाएं .

 खीर के साथकटहल , खटाई (दही , नींबू , आदि), सत्तू , शराब आदि ना खाएं .

 शहद के साथ: घी (समान मात्रा में पुराना घी), वर्षा का जल , तेल , वसा , अंगूर , कमल का बीज , मूली , ज्यादा गर्म जल , गर्म दूध या अन्य गर्म पदार्थ , शार्कर (शर्करा से बना शरबत) आदि चीजं ना खाएं . शहद को गर्म करके सेवन करना भी हानिकारक है .

 ठंडे जल के साथ- घी , तेल , गर्म दूध या गर्म पदार्थ , तरबूज , अमरूद , खीरा , ककड़ी , मूंगफली , चिलगोजा आदि चीजें ना खाएं .

 गर्म जल या गर्म पेय के साथ- शहद , कुल्फी , आइसक्रीम अन्य शीतल पदार्थ का सेवन ना करें .

 घी के साथ समान मात्रा में शहद , ठंडे पानी का सेवन ना करें .

 खरबूजा के साथ- लहसुन , दही , दूध , मूली के पत्ते , पानी आदि का सेवन ना करें .

 तरबूज के साथ  ठण्डा पानी , पुदीना आदि विरुद्ध हैं .

 चावल के साथ  सिरका ना खाएं .

 नमक- अधिक मात्रा में अधिक समय तक खाना हानिकारक है .

 उड़द की दाल के साथ मूली ना खाएंस्वस्थ रहें जीवन भर

 केला के साथ- मट्ठा पीना हानिकारक है .

 घी - काँसे के बर्तन में दस दिन या अधिक समय तक रखा हुआ घी विषाक्त ( जहरीला ) हो जाता है



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