Thursday, June 30, 2022

गैस,बदहजमी, कब्ज आदि का चूर्ण

 गैस,बदहजमी, कब्ज आदि का चूर्ण

(1) इंद्रायण, हरड़ और नमक काला सब हमवजन ले कर अच्छे से कूट छान कर मिला कर रख ले। सुबह और रात को गुनगुने पानी से 2 से 3 ग्राम भोजन के बाद ले।इस से आप का खाया भोजन पचेगा और सुबह पेट भी अच्छे से साफ होगा।गैस आदि की समस्या भी ठीक होगी।

(2) हींग,सोंठ, अजवाइन नमक काला और मिश्री सभी बराबर मात्रा ले के अच्छे से कूट छान कर मिला ले ।इस चूर्ण को सुबह और रात को 2-2 ग्राम गुनगुने पानी से ले।
यह चूर्ण पुरानी कब्ज,गैस आदि में बहुत लाभकारी चूर्ण है।


तेजस्वी वटी (Sexual disease)

 अक्सीरी तेजस्वी वटी

अगर आप नीचे दिए गई किसी भी समस्या से प्रेषण हो तो आप।बिना किसी भी झिजक से तेजस्वी वटी ले सकते हो।तेजस्वी वटी गर्मी और सर्दी दोनो मौसमों के लिए त्यार की जाती है।

👉1. सेक्स की इच्छा ही न होना |
👉 2. सम्भोग करते-करते बीच में ही उत्तेजना समाप्त होकर लिंग का बिना वीर्य निकले ही ढीला पड़ जाना और पत्नी का असंतुष्ट रह जाना?
👉 3. सेक्स क्रिया शुरू करते ही वीर्य निकल जाना और पत्नी के सामने शर्मिंदा होना पड़े?
👉 4. एक बार यदि सेक्स कर लिया तो कई-कई दिनों तक लिंग में सेक्स करने लायक उत्तेजना का ही न आना जिस कारण यदि पत्नी कमउम्र है तो अकारण काम का बहाना करना पड़ता है?
👉 5. वीर्य में शुक्राणुओं की कमी, वीर्य का पानी की तरह पतला होना?
👉 6. सेक्स के बाद भयंकर कमजोरी महसूस होना जैसे बरसों से बीमार हों?
👉 7. कठोरता का न आना और इच्छा होने पर भी थोड़ा सा उत्तेजित होकर पिलपिला बना रहना?
👉 8. जवानी शुरू होते ही हस्तमैथुन करके वीर्य का सत्यानाश करा और लिंग को भी बीमार बना डाला है?
9👉. सेक्स के दौरान दम फूलने लगना जैसे अस्थमा का दौरा पड़ गया हो?
ऐसी तमाम समस्याएं हैं जिनके कारण वैवाहिक जीवन का सत्यानाश होता रहता है और कई बार तो साथी के कदम बहक जाने से परिवार तक टूट जाते हैं। ऐसे में पति बाजारू दवाओं का सेवन करके या नीम-हकीमों के चक्कर में अपनी मेहनत का पैसा लुटाते रहते हैं लेकिन ऐसी दवाओं से स्थायी समाधान हाथ नहीं आकर बस कुछ देर के लाभ का छलावा महसूस होता है। ऐसे में चाहिये कि शरीर का भली प्रकार पोषण करके शक्ति प्रदान करने वाली औषधि आपके पास हों न कि क्षणिक उत्तेजना देकर आँखों, किडनी व मस्तिष्क यानि दिमाग का नाश करे । पुरातन आयुर्वेद ने गहरे गहन अध्ययन और अनुभव के बाद एक परिपूर्ण तेजवस्वी वटी त्यार की है। जो कि शरीर की समस्त आवश्यकताओं को पूरा कर न सिर्फ़ कमजोरी दूर करता है बल्कि अतिरिक्त सेक्स पावर भी प्रदान करती है।
अगर अपने चेहरे पर सूरज जैसी चमक चाहते है तो एक बार जरूर परखे।
बिजली जैसी ताकत प्रदान करने वाली महाशक्तिशाली वटी में पड़ने वाले घटक



    • स्वर्ण वर्क - 15 mg
    • हीरा भस्म - 15 mg
    • माणिक्य पिष्टी - 15 mg
    • पन्ना पिष्टी - 15 mg
    • नागभस्म - 1.35 mg
    • कज्जली - 1.35 mg
    • चाँदी वर्क - 1.35 mg
    • अभ्रक भस्म - 1.35 mg
    • तालमखाना - 4 mg
    • सालम मिश्री - 4 mg
    • लौंग - 4 mg
    • केसर - 4 mg
    • सौंठ - 4 mg
    • जायफल - 4 mg
    • जावित्री - 4 mg
    • विजया बीज - 4 mg
    • कौंच बीज - 4 mg
    • दालचीनी - 4 mg
    • तेजपत्र - 4 mg
    • छोटी इलायची - 4 mg
    • अकरकरा - 4 mg
    • सफ़ेद जीरा - 4 mg
    • खुरासानी अजवायन - 4 mg
    • पीपर - 4 mg
    • रूमी मस्तंगी - 4 mg
    • मालकांगनी - 4 mg
    • शुद्ध धत्तूर बीज - 4 mg
    • शुद्ध वत्सनाभ - 4 mg
    • सफ़ेद मूसली. - 4 mg
    • शुद्ध शिलाजीत - 4 mg
    • लाल बहमन - 4 mg
वटी 2 : त्रिबंग भस्म, मुक्ताशुक्ति भस्म, कज्जली, अभ्रक भस्म, लोह भस्म, ताम्र भस्म, चाँदी भस्म, स्वर्ण भस्म, शुद्ध हिंगुल, शुद्ध हरताल, वैक्रान्त भस्म, शुद्ध कुचला, शुद्ध वत्सनाभ, विजया बीज, शुद्ध शिलाजीत, तोदरी, अश्वगंधा, शतावर, काला जीरा, सफ़ेद जीरा, केसर, जायफल, जावित्री, विदारीकंद, छोटी इलायची, सफ़ेद मिर्च, अकरकरा, दालचीनी, पीपर, सफ़ेद मूसली, काली मूसली, खुरासानी अजवायन, लौंग, सौंठ, वंशलोचन, जुन्दबेदस्त, गोखरू, सालमपंजा, मालकांगनी, काले तिल, मुलहठी।
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सेहत का राज़

 यूरीन (पेशाब) के  रंग से जानें अपनी "सेहत  का  राज़"     ????

 

अगर यूरीन (पेशाब) का रंग हल्‍का पीला हो तो चिंता की कोई बात नहीं होती है, लेकिन ज्‍यादा पीलापन आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अच्‍छा नहीं होता है।
यूरीन का रंग हमारे स्‍वास्‍थ्‍य पर क्‍या असर करता है, यह बताने के लिए यहां पर यूरीन के कुछ रंग दिये गये हैं।

यूरीन (पेशाब) का रंग बता सकता है आपकी सेहत का राज़
यूरीन किडनी के माध्यम से रक्त से अतिरिक्त पानी और अपशिष्ट उत्पादों को निकालने का प्राकृतिक तरीका है। सामान्य मूत्र का रंग हल्‍के पीले से थोड़ा गहरा पीला हो सकता है। अगर यूरीन (पेशाब) का रंग पीला हो तो ज्‍यादा चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है लेकिन एक दिन से ज्‍यादा ऐसा होने पर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या होने का डर रहता है।
ऐसे में खूब सारा पानी पीने की हिदायत दी जाती है, लेकिन अगर फिर भी यूरीन का पीलापन नहीं जा रहा हो तो तुरंत चिकित्‍सक के पास जाये।
यहां पर यूरीन के कुछ  रंग दिये गये हैं जो बताते हैं कि यूरीन का रंग हमारे स्‍वास्‍थ्‍य पर क्‍या असर करता है।

"हल्का पीला"
आदर्श यूरीन का रंग स्पष्ट या पीले रंग का होता है।
यह रंग बताता है कि आप बिल्कुल स्वस्थ हैं, और अपने स्‍वयं को अच्‍छी तरह से हाइड्रेटेड कर रहे हैं और आपका शरीर बहुत अच्छे से काम कर रहा।

"पीला पेशाब"
शरीर को अच्छी तरह से हाइड्रेट नहीं करने पर यूरीन का रंग पीला हो जाता है।
शरीर में अत्यधिक पसीना आने या कम हाइड्रेशन के कारण भी यूरीन का रंग पीला हो सकता है।
इससे बचने के लिए आपको तरल पदार्थ अधिक से अधिक मात्रा में लेने की सलाह दी जाती है।

"गहरा पीला पेशाब"
दवाओं के कारण भी यूरीन का रंग गहरे पीले रंग में बदल सकता है। यूरीन का रंग गहरा पीला होने पर जितनी जल्‍दी हो सके अपने डॉक्‍टर से मिलना चाहिए क्‍योंकि यह लीवर विकारों या हैपेटाइटिस में से किसी एक का लक्षण हो सकता है।

"दूधिया सफेद पेशाब"
यूरीन (पेशाब) का दूधिया सफेद रंग यूरीन मार्ग, यूरीन मार्ग के संक्रमण या किडनी की पथरी में बैक्‍टीरिया की उपस्थिति में वृद्धि का संकेत हैं।
अगर आप यूरीन दूधिया सफेद रंग में बदल गया है तो तुरंत अपने डॉक्‍टर के पास जाये।

"लाल या गुलाबी पेशाब"
यूरीन (पेशाब) का रंग लाल या गुलाबी रंग में तब बदलता है।
जब आपने लाल रंग से बने भोजन या चुकंदर और ब्लैकबेरी जैसे प्राकृतिक लाल रंग का उपभोग किया हो।
अगर इस तरह के खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं किया है, तो यह यूरीन से रक्त के आने का संकेत होता है।
आपके यूरेनरी सिस्टम, किडनी में पथरी या बहुत ज्यादा एक्‍सरसाइज के कारण लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने का कारण भी हो सकता है।

"नारंगी पेशाब"
यूरीन (पेशाब) समस्‍या को कम करने के लिए इस्‍तेमाल की जा रही दवाओं के कारण भ यूरीन का रंग नारंगी हो सकता है।
इसके अलावा गाजर या गाजर के रस को लेने से भी यूरीन का रंग बदल कर नारंगी हो जाता है।  

"नीला या हरा पेशाब"
यूरीन (पेशाब) का रंग नीला या हरा खाने में पड़े कृत्रिम रंग के कारण होता है।
इसमें चिंता करने की कोई बात नहीं होती, हालांकि चिंता बनी रहती है।
दुर्लभ मामलों में आनुवांशिक बीमारी के कारण भी यूरीन का रंग नीला और हरा हो जाता है।

यूरीन के रंग को प्रभावित करने वाले कारक
खाद्य पदार्थों के कारण यूरीन का रंग बदल सकता है।
दवाओं, कीमोथैरेपी दवाओं, यूरीन मार्ग में संक्रमण के निदान के लिए ली गई दवाओं से भी यूरीन का रंग प्रभावित होता है।
अगर आप इसमें से किसी को भी ले रहे हैं तो आपके यूरीन का रंग बदल सकता है।

चिकित्सा सलाह की जरूरत
अगर आप इस बारे में सुनिश्चित नहीं हो पा रहे हैं कि यूरीन के रंग में परिवर्तन का कारण क्‍या हैं तो आपको अपने डॉक्‍टर से मिलना चाहिए।
इसके अलावा यूरीन में ब्‍लड का आना भी एक गंभीर संकेत है, इसके लिए आपको तुरंत चिकित्‍सक की सलाह लेनी चाहिए।
नियमित स्‍वास्‍थ्‍य जांच से आपको इसके कारणों के बारे में जानकारी मिल सकती है।

सर्दी स्पेशल

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