Thursday, June 30, 2022

तेजस्वी वटी (Sexual disease)

 अक्सीरी तेजस्वी वटी

अगर आप नीचे दिए गई किसी भी समस्या से प्रेषण हो तो आप।बिना किसी भी झिजक से तेजस्वी वटी ले सकते हो।तेजस्वी वटी गर्मी और सर्दी दोनो मौसमों के लिए त्यार की जाती है।

👉1. सेक्स की इच्छा ही न होना |
👉 2. सम्भोग करते-करते बीच में ही उत्तेजना समाप्त होकर लिंग का बिना वीर्य निकले ही ढीला पड़ जाना और पत्नी का असंतुष्ट रह जाना?
👉 3. सेक्स क्रिया शुरू करते ही वीर्य निकल जाना और पत्नी के सामने शर्मिंदा होना पड़े?
👉 4. एक बार यदि सेक्स कर लिया तो कई-कई दिनों तक लिंग में सेक्स करने लायक उत्तेजना का ही न आना जिस कारण यदि पत्नी कमउम्र है तो अकारण काम का बहाना करना पड़ता है?
👉 5. वीर्य में शुक्राणुओं की कमी, वीर्य का पानी की तरह पतला होना?
👉 6. सेक्स के बाद भयंकर कमजोरी महसूस होना जैसे बरसों से बीमार हों?
👉 7. कठोरता का न आना और इच्छा होने पर भी थोड़ा सा उत्तेजित होकर पिलपिला बना रहना?
👉 8. जवानी शुरू होते ही हस्तमैथुन करके वीर्य का सत्यानाश करा और लिंग को भी बीमार बना डाला है?
9👉. सेक्स के दौरान दम फूलने लगना जैसे अस्थमा का दौरा पड़ गया हो?
ऐसी तमाम समस्याएं हैं जिनके कारण वैवाहिक जीवन का सत्यानाश होता रहता है और कई बार तो साथी के कदम बहक जाने से परिवार तक टूट जाते हैं। ऐसे में पति बाजारू दवाओं का सेवन करके या नीम-हकीमों के चक्कर में अपनी मेहनत का पैसा लुटाते रहते हैं लेकिन ऐसी दवाओं से स्थायी समाधान हाथ नहीं आकर बस कुछ देर के लाभ का छलावा महसूस होता है। ऐसे में चाहिये कि शरीर का भली प्रकार पोषण करके शक्ति प्रदान करने वाली औषधि आपके पास हों न कि क्षणिक उत्तेजना देकर आँखों, किडनी व मस्तिष्क यानि दिमाग का नाश करे । पुरातन आयुर्वेद ने गहरे गहन अध्ययन और अनुभव के बाद एक परिपूर्ण तेजवस्वी वटी त्यार की है। जो कि शरीर की समस्त आवश्यकताओं को पूरा कर न सिर्फ़ कमजोरी दूर करता है बल्कि अतिरिक्त सेक्स पावर भी प्रदान करती है।
अगर अपने चेहरे पर सूरज जैसी चमक चाहते है तो एक बार जरूर परखे।
बिजली जैसी ताकत प्रदान करने वाली महाशक्तिशाली वटी में पड़ने वाले घटक



    • स्वर्ण वर्क - 15 mg
    • हीरा भस्म - 15 mg
    • माणिक्य पिष्टी - 15 mg
    • पन्ना पिष्टी - 15 mg
    • नागभस्म - 1.35 mg
    • कज्जली - 1.35 mg
    • चाँदी वर्क - 1.35 mg
    • अभ्रक भस्म - 1.35 mg
    • तालमखाना - 4 mg
    • सालम मिश्री - 4 mg
    • लौंग - 4 mg
    • केसर - 4 mg
    • सौंठ - 4 mg
    • जायफल - 4 mg
    • जावित्री - 4 mg
    • विजया बीज - 4 mg
    • कौंच बीज - 4 mg
    • दालचीनी - 4 mg
    • तेजपत्र - 4 mg
    • छोटी इलायची - 4 mg
    • अकरकरा - 4 mg
    • सफ़ेद जीरा - 4 mg
    • खुरासानी अजवायन - 4 mg
    • पीपर - 4 mg
    • रूमी मस्तंगी - 4 mg
    • मालकांगनी - 4 mg
    • शुद्ध धत्तूर बीज - 4 mg
    • शुद्ध वत्सनाभ - 4 mg
    • सफ़ेद मूसली. - 4 mg
    • शुद्ध शिलाजीत - 4 mg
    • लाल बहमन - 4 mg
वटी 2 : त्रिबंग भस्म, मुक्ताशुक्ति भस्म, कज्जली, अभ्रक भस्म, लोह भस्म, ताम्र भस्म, चाँदी भस्म, स्वर्ण भस्म, शुद्ध हिंगुल, शुद्ध हरताल, वैक्रान्त भस्म, शुद्ध कुचला, शुद्ध वत्सनाभ, विजया बीज, शुद्ध शिलाजीत, तोदरी, अश्वगंधा, शतावर, काला जीरा, सफ़ेद जीरा, केसर, जायफल, जावित्री, विदारीकंद, छोटी इलायची, सफ़ेद मिर्च, अकरकरा, दालचीनी, पीपर, सफ़ेद मूसली, काली मूसली, खुरासानी अजवायन, लौंग, सौंठ, वंशलोचन, जुन्दबेदस्त, गोखरू, सालमपंजा, मालकांगनी, काले तिल, मुलहठी।
Contact For More Information +91-9729510363

GB

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