काफी लोगों ने पर्सनल पर पूछा था तो देख ले सभी लोग
🥦 *मासिकधर्म का रुक रुक कर आना या बिलकुल न आना यह खून की कमी से भी हो सकता है ! इसके लिये शरीर में खून बढ़ाने के लिये उचित आहार व औषधियों का सेवन करना चाहिये* ।
🥦 *अन्य किसी कारण से यदि माहवारी रुक रुक कर आती है या बिलकुल बंद हो गई है !! निम्नलिखित प्रयोगो में से कोई एक उपाय कर सकतें है।*
*प्रयोग नं. १ : काढ़ा :-* तूम्बा सुर्ख, गाजर के बीज, मजीठ, मेथी, सोये के बीज, अजवायन, मूली के बीज, सौफ, बराबर बराबर लेकर इन सबके तौल के बराबर गुड़ मिलाकर काढ़ा बनाकर रोज रात को पिये मासिक सुरू होने से पहले पांच दिन !!
*प्रयोग नं. २ :-* रूधिर के बंद हो जाने पर कपास के फूल व पत्ती दस दस ग्राम लेकर मसलकर आधाकिलो पानी में खौलाये व आधा रहने पर पचास ग्राम गुड़ मिलाकर पिये रोज रात को सोते समय !!
*प्रयोग नं. ३ : काढ़ा जो गर्भ को गिरा दे व रुधिर जारी करे :-* अखरोट की छाल, अमलतास की छाल, मूली के बीज, परसियावसान, वायविडंग,, जौकुट्ट कर नौ नौ मासे व इन सबकी तौल के बराबर गुड़ मिलाकर काढ़ा करें व रात को सोते वक्त पिये !!
*प्रयोग नं. ४ : काढ़ा रुधिर जारी करने के वास्ते :-* अधकुचली नीम की छाल दो तोला, व अधकुचली सोंठ चार तोला, व गुड़ तीन तोला, आधाकिलो जल में औटायें जब २०० मिली रहने पर छान कर पियें !!
*प्रयोग नं. ५ : काढ़ा जो मासिक के समय कमर दर्द होता है :-* सोंठ व वायविडंग पांच पांच ग्राम, गुड़ दो तोला का काढ़ा बनाकर पियें !!
*प्रयोग नं. ६ : कल्क जो रुधिर को जारी करे :-* कालेतिल व गोखरु एक एक तोला रात को एक गिलास पानी में भिगो कर सुबह मसलकर अच्छी तरह रस निकाल ले व थोड़ी सक्कर मिलाकर पियें !!
*प्रयोग नं. ७ :-* मुरमुखी (बीजबोल), व हाऊबेर छः छ: मासे को पाव भर जल में औटायें व छानकर दो तोला गुड़ मिलाकर पिलायें, दो तीन बार के पिलाने मे ही रुधिर जारी हो जायेगा !!
*प्रयोग नं. ८ : चूर्ण जो रुधिर जारी करे :-* मूली के बीज, गाजर के बीज, व मेथी समभाग लेकर चूर्ण करें व छान कर, एक हथेली भर चूर्ण फांककर गरम जल पियें !!
*प्रयोग नं. ९ : बत्ती, जो ऋतु के रूधिर को सरलता से जारी करे :-* थोड़ा गुड़, घी में मिलाकर किसी बर्तन मे आगपर रखें जब वह बत्ती वनाने लायक हो जावे तब एक विरोजा सूखा हुआ पीसकर मिला ले व बत्ती बनाकर गर्भाशय के मुख पर रखे !!
*प्रयोग नं. १० : गर्भाशय के सोथ को गुण करे :-* हल्दी को महीन पीसकर उसमें घी मिलाकर रूई में भिगोकर गर्भाशय के मुह पर पहुचायें ! ऐसा करने पर गर्भाशय का शोथ नष्ट होकर गुणं करता है !!
*प्रयोग नं. ११ : गर्भाशय के बृण को गुण करे :-* पहले रूई को शहद में भिगोकर गर्भाशय के मुख पर रखे ! इससे पीब व मैल दूर हो जावे, फिर माजूफल जल मे खौलाकर उस जल से रूई को भिगोकर गर्भाशय के मुखपर रखे तो गर्भाशय में बिलकुल तरी न रहे ! व गुण करे !!
*आशा और उम्मीद करता हुँ किसी भी प्रयोग का सदप्रयोग ही होगा*
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