1- कामोत्तेजक व स्तंभक योग व बाजीकरण योग
सफेद मूसली 40 ग्राम
काली मूसली 40 ग्राम
गिलोयसत्व 40 ग्राम
सोंठ 40 ग्राम
छोटी पीपल 40 ग्राम
मुलेहठी40 ग्राम
ईसबगोल 40 ग्राम
तालमखाना 40 ग्राम
बबूल का गोंद 40 ग्राम
रूमी मस्तगी 40 ग्राम
बीजबन्द 40 ग्राम
लौंग 20
ग्राम
जायफल 20 ग्राम
केसर 1 ग्राम
शुद्ध भांग 20
ग्राम
सलाम पंजा – 40 ग्राम
सलाम मिस्री 40 ग्राम
खसखस – 25 ग्राम
खरबूजे के बीज़ – 50 ग्राम
मिश्री धागे वाली - 300 ग्राम
निमार्ण विधि - भांग और मिश्री को छोड़ कर सभी बूटियों को कूट- पीस लें। इसमें धुली भांग 100 ग्राम तथा मिश्री 700 ग्राम पीसकर मिला लें। और किसी हवा बंद बर्तन में रख ले बस दवा तैयार हुआ
सेवन विधि -
10 ग्राम रात को गर्म दूध के साथ लें।
लाभ - यह अपूर्व बाजीकरण योग है। इसके सेवन से
उतेजना एवं स्तम्भन दोनों प्राप्त होते हैं। अधेड़ आयु के पुरुषों के लिये यह बड़े
काम की चीज है। अधिक विषय - भोग के कारण जिन पुरुषों को शीघ्रपतन हो जाता है और
लिंग में पूरी उतेजना नहीं आती है तथा लिंग शिथिल रहता है, उन्हें इसका अवश्य सेवन करना चाहिये। मैथुन में पूरा आनन्द
देता है। मैंने इसे कई रोगियों पर आजमाया है।
मैं एक ऐसे वैद्य राज जी को जानता हूँ जो इसमें खोवा मिलाकर 20 20
ग्राम के पेड़े बनकर उन्हें मदनमोदक के नाम से बेचते हैं। सम्भोग से दो. घण्टे
पूर्व के साथ लेने को कहते हैं। अधेड़ आयु के बहुत से लोग उनसे यह मोदक खरीदते
हैं। मैंने कई बार उनसे योग पूछा तो उन्होंने नहीं बतलाया। मैंने योग जानने की
तरकीब सोंची। उनके नौकर को लालच देकर उससे योग तथा उसे बनाने का तरीका ज्ञात किया
तो पता चला कि यह चूर्ण है जिसमें वह खोवा बराबर मात्रा में मिलाकर मोदक तैयार करते हैं!
सफेद मूसली पाउडर 150 G
ब्लैक मूसली पाउडर 150 G
सतावरी पाउडर 30 G
अश्वगंधा पाउडर 100 G
कौच के बीज़ 100 G
शिलाजीत - 100 G
खरबूजे के बीज़ - 100 G
खोपरा - 100 G
जावीत्री - 50 G
जायफल - 10 PC
बड़ी ईलायची - 50 G
छोटी ईलायची - 10 G
लोंग - 10 G
Besan ki Laddoo bana k kha sakte ho... Sardi m
सामग्री का उपयोग आयुर्वेदिक और औषधीय दृष्टिकोण से किया जाता है। यह सामग्री आमतौर पर शरीर के विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए तैयार की जाती है। इनका उपयोग करने के फायदे और नुकसान इस प्रकार हो सकते हैं:
फायदे:
सफेद
मूसली (40 ग्राम) - यह शरीर को शक्ति प्रदान करने वाली
औषधि है। इससे मांसपेशियों की मजबूती और ताकत मिलती है। यह पुरुषों के लिए
कामोत्तेजक और ऊर्जा वर्धक होती है।
काली
मूसली (40 ग्राम) - यह भी शरीर को ऊर्जा देने वाली होती
है और यौन शक्ति को बढ़ाने के लिए उपयोगी मानी जाती है।
गिलोय सत्व (40 ग्राम) - गिलोय शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता को बढ़ाने
में मदद करता है। यह इन्फेक्शन, बुखार और
इन्फ्लेमेशन को कम करने में सहायक है।
सोंठ (40 ग्राम) - सोंठ पाचन तंत्र को सुधारने, अपच, गैस, और सूजन को कम करने में मदद करती है। यह इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करती है।
छोटी
पीपल (40 ग्राम) - यह आयुर्वेद में पाचन क्रिया को
सुधारने और शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होती है।
मुलेठी
(40 ग्राम) - मुलेठी गले की सूजन, खांसी और सर्दी के इलाज में प्रभावी है। यह शरीर में बल और
ताजगी लाती है।
ईसबगोल
(40 ग्राम) - यह पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है, खासकर कब्ज और आंतों की समस्याओं के लिए।
तालमखाना (40 ग्राम) - यह शरीर को शांति और ताजगी देने के लिए उपयोगी
है। यह मानसिक तनाव को कम करने और शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने में सहायक है।
बबूल का गोंद (40 ग्राम) - बबूल का गोंद शरीर को शारीरिक ताकत प्रदान करता
है और पाचन में सहायक है। यह खून की सफाई में भी मदद करता है।
रूमी मस्तगी (40 ग्राम) - यह मानसिक थकान, तनाव और चिंता को कम करने में सहायक है। यह यौन शक्ति को भी बढ़ाता है।
बीजबन्द (40 ग्राम) - यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता को
बढ़ाता है।
लौंग (40 ग्राम) - लौंग का उपयोग गैस, कब्ज, और अपच के लिए किया जाता है। यह शरीर में गर्मी पैदा करता
है और इन्फेक्शन को भी कम करता है।
जायफल (40 ग्राम) - जायफल पाचन शक्ति को मजबूत करता है, मानसिक तनाव को कम करता है और नींद में सुधार करता है।
केसर (40 ग्राम) - केसर त्वचा, पाचन और मानसिक स्थिति को सुधारने में सहायक
होता है। यह रक्त संचार को बढ़ाता है और शरीर को ताजगी प्रदान करता है।
शुद्ध भांग (100 ग्राम) - शुद्ध भांग का उपयोग दर्द, मानसिक तनाव और मांसपेशियों के दर्द के लिए किया जाता है।
यह स्फूर्ति और शांति प्रदान करता है।
मिश्री धागे वाली (700 ग्राम) - यह मिठास के रूप में उपयोग की जाती है, जो शरीर को ऊर्जा देती है और पाचन क्रिया को सुधारने में
सहायक है।
नुकसान:
अत्यधिक सेवन: इन सामग्रियों का अत्यधिक सेवन शरीर में हानिकारक प्रभाव डाल
सकता है। जैसे कि अधिक सोंठ से पेट में जलन हो सकती है, और अधिक मुलेठी से रक्तचाप बढ़ सकता है।
शुद्ध भांग: शुद्ध भांग का अत्यधिक सेवन
मानसिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जिससे भ्रम और मानसिक कमजोरी हो सकती है।
सावधानी: कुछ लोगों को इन सामग्रियों से एलर्जी हो सकती है, जैसे कि लौंग, जायफल, या भांग। इनका सेवन किसी योग्य चिकित्सक की सलाह
से करना चाहिए।
मधुमेह और उच्च रक्तचाप: मिश्री और अन्य मीठे
पदार्थ मधुमेह और उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों के लिए हानिकारक हो सकते हैं, इसलिए इनका सेवन सीमित करना चाहिए।
निष्कर्ष:
इन सामग्रियों का सेवन आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से फायदेमंद हो सकता है, लेकिन उचित मात्रा और सावधानी के साथ किया जाना चाहिए। इन्हें किसी विशेषज्ञ या आयुर्वेदाचार्य की सलाह के अनुसार ही सेवन करना बेहतर होता है।
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