🐴 यह योग आयुर्वेद के इतिहासमे सबसे बढिया योगो की गणनां मे वृद्धो मे भी सांढ सी ताकतलाने वाला सीद्ध हूवां है । इनके सेवन से वीर्य के तमाम विकार दूर होकर नए जोश-शकित का संचार होतां है । वीर्य को गाढ़ा बनातां है । वीर्य मे वृद्धी करतां है। शिध्रपतन वं शीध्र:स्खलन जैसी समस्या को भी दूर करतां है । पुरुषो की सेक्स के प्रति रुची बढ़ातां है। सेक्स का टाइमिंग बढातां है। इनके सेवन से किसी भी प्रकार की कोइ साइडइफेक्ट नही है फीर भी किसी वैध्य की देखरेख मे ही इनका सेवन करें ।
*अश्वगंधा 50 ग्राम + सफेदमुसली 50 ग्राम + चोपचीनी 50 ग्राम + पूर्णचंद्रोदयरस 2 ग्राम + इन्द्रयव 10 ग्राम + जायफल 05 ग्राम + इलाचयी 05 ग्राम + रुमीमस्तकी 10 ग्राम + लौंग 10 ग्राम + पीप्पली 10 ग्राम + सालममिश्री 10 ग्राम + जांविञी 10 ग्राम + कालीमिर्च 10 ग्राम + अक्कलकरा 10 ग्राम + तज 10 ग्राम + कंकोल 10 ग्राम + बादाम मीठा10 ग्राम + केसर 1 ग्राम + नटकचूर 10 ग्राम*
ऊपर बताई गई सभी चिजो को पंसारी से लाकर अलग-अलग पीसकर कपड़छान चूरन करे वं पूर्णचंदोदय रस बैधनाथ या धूतपापेश्वर कंपनी का ही लेकर सभी चिजो को मिक्स करले । शहद 1 Kg लेकर खूब धुंटाइ करे ।डीब्बे मे पैक करके रख दिजिए । सुबह -शाम 10-10 ग्राम की मात्रा मे सेवन करे खाने के 30 मिनट बाद ।