स्वर्ण लोह वटी
स्वर्ण लोह वटी बहुत ही ज्यादा गुणकारी,शरीर की कायाकल्प करने वाली वटी है। यह वटी कमजोर व्यक्ति को शक्तिवान, नामर्द को मर्द बनाने की पूरी समता रखती है।यह अनुभूत योग है। स्वर्ण लोह वटी खाने में बहुत गुणकारी है। यह वटी स्वप्नदोष,प्रमेह,शीघ्रपतन, वीर्य विकार,वीर्य में शुक्राणु की कमी,वीर्य में पतलापन आदि रोगी को कुछ दिनों में ही दूर कर देती है और स्तम्भन शक्ति को बढ़ाती है।इस वटी में बहुत से और भी गुण है जो आप को खा कर ही पता चलेगा।
इस को बनाने की विधि
नारंगी का रस 50 ग्राम
संतरे का रस 50 ग्राम
जामुन का रस 50 ग्राम
इन तीनों रसों की की कांच के बर्तन में भर दे और अब इस में 60 ग्राम उत्तम लोह चूर्ण डाल दे ।बाद में इस बर्तन को अच्छे से बंद करके 5 दिन तक धूप में रखे,,,रात को अंदर रख लिया करे।
इस के बाद इमली के बीज 250 ग्राम ले कर 3 दिन तक पानी में भिगोके रखे ,तीन दिन के बाद इमली के बीजों को हाथ से मसल कर छिलका उतार दे कर बीजों को साया में सुखा ले।जब बीज सुख जाए तो अब इन बीजों को तीन किलो दूध में डाल कर उबाले,जब उबलते उबलते दूध का खोया जैसा बन जाए तो उतार कर ठंडा होने दे और बीजों को दूध से बाहर निकाल कर अच्छे से सुखा ले,,,सूखने के बाद इन बीजों को अच्छे से कूट कर कपडे छान कर ले। अब इस चूर्ण को उपरोक्त रसों में खरल करे के सारा रस घोटते घोटते जजब हो जाए।अब इस में 60 ग्राम शुद्ध शिलाजीत सूर्यतापी डाल कर कम से कम तीन घंटे खरल करे। फिर इस की 2-2 रत्ती की गोलियां बना लें।इन गोलियों को साया में सुखा कर कांच की शीशी में रख ले।
एक एक गोली सुबह और रात को दूध के साथ खाए,,,कुछ ही दिनों के इस के गुण आप को अपने चेहरे,सारे शरीर पर नजर आएंगे।
दवा के सेवनकाल में ब्रह्मचर्य का पालन जरूर करे।
अगर कबज हो तो पहले उस को दूर करे।
स्वर्ण लोह वटी किसी भाई कोई चाहिए तो हमारे पास भी मिल जाएगी।
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